दिल्ली: पंजाबी बाग स्थित आयुर्वेदिक कैंसर अस्पताल ने आयुर्वेदिक गौशाला की शुरुआत की है। यह गौशाला अपने किस्म की पहली और अनूठी है। बाहरी दिल्ली के सावदा गांव के निकट बनी इस गौशाला का उद्घाटन आरएसएस के अखिल भारतीय गौसेवा प्रमुख शंकर लाल जी ने किया। इस गौशाला में गायों को चारे में औषधीय तत्वों से भरपूर वनस्पति और जड़ी बूटियां मिलाकर खिलाई जाएंगी। जिससे पौधों के औषधिय गुणों का दूध में समावेश हो जाएगा। इस अवसर पर श्री शंकर लाल ने कहा कि आयुर्वेदिक कैंसर अस्पताल प्रबंधन समिति का यह अद्भुत प्रयास है। शास्त्रों में गौ दूग्ध की तुलना अमृत से की गई है। लेकिन गौ आहार में आयुर्वेदिक वनस्पति का मिश्रण इस दुग्ध की ताकत एवं उपयोगिता को और बढ़ा देगा। गौसेवा प्रमुख ने कहा कि केवल भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को अपना कर ही आरोग्य प्राप्त किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक कैंसर अस्पताल संस्था के प्रधान अतुल सिंघल बताते हैं कि कैंसर रोगियों की जरूरतों को देखते हुए इस गौशाला की स्थापना की गई है। श्री सिंघल के मुताबिक इस गौशाला में शुद्ध देशी नस्ल की स्वस्थ और दुधारू गायों को रखा गया है। इनके दूध से तैयार पंचगव्य रोगियों के उपचार में ज्यादा प्रभावी होगा। अस्पताल के प्रमुख वैद्य भरत देव मुरारी के मुताबिक आयुर्वेद में गिलोय, तुलसी, अशोक, शतावरी, एलोवेरा, अश्वगन्धा, हल्दी, सदाबहार, ज्वारे, अजवायन, मेथी इत्यादि पौधों का खासा महत्व है। इनका सेवन कैंसर के मरीजों के लिये रामबाण है। इसलिए गाय को चारे के साथ इनको खिलाना महत्वपूर्ण है और इसके नतीजे चमत्कारी हो सकते हैं। खास बात यह है कि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए ऐसे दुग्ध उत्पादों का सेवन भी हर प्रकार की बीमारियों से बचाव करेगा। उद्घाटन समारोह में हरियाणा के प्रांत गौसेवा प्रमुख प्रो सुरेश चंद सिंघल, लाला केदार नाथ अग्रवाल बीकानेरवाला, विजय बंसल, शंकर दास बंसल, एडवोकेट सुनील गोयल, जगदीश राय गोयल, नरेश गर्ग आदि भी मौजूद रहे।
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