देश के 75 वर्ष के इतिहास को प्रधानमंत्री संग्रहालय में मात्र दो से तीन घण्टे में देख सकते हैं- हरियाणा राज्यपाल

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली, 25 जनवरी– हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने गुरूवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय का दौरा किया। यहां डिजीटल रूप से संजोये गए तथ्यों को देखकर वे बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि इस संग्रहालय में देश के 75 वर्ष के इतिहास को मात्र दो से तीन घण्टे में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे अपने विद्यार्थियों को इस संग्रहालय का भ्रमण अवश्य करवाएं, इसमें विद्यार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारियां हैं।
श्री दत्तात्रेय दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय के अवलोकन के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संग्रहालय के निर्माण के लिए विभिन्न कमेटियों ने सराहनीय कार्य किया है। इसमें टैक्नॉलोजी और डिजीटलाईजेशन का अद्भूद काम किया गया है। ये प्राचीन नहीं दिखाई देता, बल्कि लगता है कि आज के आधुनिक युग का संग्रहालय है। राज्यपाल ने कहा कि इस संग्रहालय के निर्माण को लेकर विभिन्न कमेटियों ने देश के लिए मिशन मोड में काम किया है। इसके लिए उन्होंने सभी कमेटियों के सदस्यों को बधाई देते हुए इसके निर्माण में प्रधानमंत्री श्री मोदी के विजन की भी सराहना की। संग्रहालय के दो भाग हैं, जिसमें नए भवन का लोकापर्ण वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अप्रैल 2022 को किया था।
राज्यपाल ने कहा कि इस प्रधानमंत्री संग्रहालय में देश के पहले प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तक प्रत्येक प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कब क्या-क्या व कौनसी घटनाएं घटित हुई, उन सभी एतिहासिक घटनाओं को डिजीटल रूप से संजोया और प्रदर्शित किया गया है। प्रधानमंत्रियों के भाषण, उनके कार्यकाल में हुई महत्वपूर्ण घटनाओं का वर्णन आदि का डिजीटल चित्रण इस सुंदर व प्रभावशाली ढ़ंग से किया गया है कि देखने वाले व्यक्ति को लगता है कि इतिहास उसकी आंखों के सामने ही घटित हो रहा है। श्री दत्तात्रेय ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गैलरियों को देखा।
उन्होंने इस संग्रहालय में बनाई गई विभिन्न गैलरी जैसे संविधान का निर्माण, डॉ भीम राव अम्बेडकर का उस समय दिया गया भाषण, भारतीय गणतंत्र की स्थापना, संविधान की आत्मा-प्रस्तावना, उसमें दिए गए मौलिक अधिकार व निर्देशक सिद्धांत, भारतीय लोकतंत्र के आधार, भारत निर्वाचन आयोग, 1951 में किए गए पहले संविधान संशोधन से लेकर सभी संशोधन आदि को रूचि लेकर देखा। ये सभी विषय-वस्तु भारत के विभिन्न राज्यों की अलग-अलग भाषाओं में डिजीटल रूप से इस संग्रहालय में उपलब्ध है और मात्र एक क्लिक पर कोई भी व्यक्ति संग्रहालय में इन्हें देख व पढ़ सकता है।
संग्रहालय के पहले भवन में स्वतंत्रता के समय भारत, संविधान के निर्माण, भारत गणराज्य की स्थापना, लोकतांत्रिक भारत, संवैधनिक संशोधन, नेहरू गैलरी, भारत-चीन युद्ध आदि की जानकारियां डिजीटल रूप से प्रदर्शित की गई है। वहीं नवनिर्मित दूसरे भवन में देश के सभी प्रधानमंत्रियों की फोटो के साथ उनकी कार्य अवधि, टाइम मशीन जहां पर वर्चुअल तरीके से बदलते भारत की तस्वीर देख सकते हैं और भारत के अतीत को जान सकते है। इसी में अनुभूति शीर्षक वाले कक्ष में अब तक रहे देश के किसी भी प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी, चहलकदमी कर सकते हैं। यहां पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्रियों द्वारा दिए गए भाषणों को सुन और देख सकते हैं। भविष्य की झलकियां शीर्षक वाले कक्ष में अटल टनल से लेकर सागर माला तक की बड़ी परियोजनाओं को हेलीकॉप्टर नूमा यात्रा के जरिए थ्री डी रूप में देख सकते हैं। यहां पर अशोक स्तम्भ को हवा में घूमते हुए देख सकते है जो कि चुंबकीय प्रभाव से उत्तोलित किया गया है। यहीं नहीं, देश के सभी प्रधानमंत्रियों की गैलरी भी इस भवन में बनाई गई हैं, जहां पर उनके संघर्ष, उपलब्धियों व उनके जीवन के बारे में जान सकते हैं।

0Shares

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours