आप नेतृत्व पर प्रशांत भूषण व कुमार विश्वास का हमला।

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) से दो वरिष्ठ नेताओं के इस्तीफे के बाद एक बार फिर आप का शीर्ष नेतृत्व पार्टी के संस्थापक सदस्यों के निशाने पर है। सबसे तीखी टिप्पणी प्रशांत भूषण व कुमार विश्वास ने की है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम लिए बगैर कुमार विश्वास ने सोशल मीडिया पर तंज़ कसा है कि हम तो चंद्र गुप्त बनाने निकले थे, हमें क्या पता था चंदा गुप्ता बन जाएगा। वहीं, प्रशांत भूषण का कहना है कि एक आंदोलन व संगठन को खत्म करने की यह केस स्टडी हो सकती है। दूसरी तरफ आप के NRC सेल से जुड़े रहे लोगों ने भी केजरीवाल पर हमला बोला।
आशीष खेतान के इस्तीफे की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद कुमार विश्वास ने बुधवार सुबह एक कविता ट्वीट की। उन्होंने लिखा कि सब साथ चले, सब उत्सुक थे, तुमको आसन तक लाने में! कुछ सफल हुए ‘निर्वीर्य तुम्हें यह राजनीति समझाने में! इन आत्मप्रवंचित बौनों का दरबार बनाकर क्या पाया? जो शिलालेख बनता उसको अखबार बनाकर क्या पाया?’ वहीं एक अन्य ट्वीट में विश्वास लिखते हैं कि हम तो चंद्र गुप्त बनाने निकले थे, हमें क्या पता था चंदा गुप्ता बन जाएगा। दूसरी तरफ प्रशांत भूषण ने लिखा कि महान आदर्शों से प्रेरित होकर पार्टी बनाने वालों या इसका हिस्सा बनने वालों का मोहभंग होने का सिलसिला चल निकला है। इनकी लिस्ट लंबी होती जा रही है। वह बड़ी उम्मीदों का पल था। लेकिन एक व्यक्ति की अनैतिक महत्वाकांक्षा व विजन की कमी से सब-कुछ नष्ट हो गया है। यह केस स्टडी हो सकती है कि किसी संगठन व आंदोलन को कैसे खत्म किया जाता है।
इसके अलावा आप की NRC सेल से जुड़े व अमेरिका में रहने वाले मुनीष रायजादा ने लिखा कि सब स्व ध्येय के लिये आये थे। चंदा चुराने वाले गैंग में फूट पड़ गई है। जबकि लंदन में रहने वाले जय नाथ मिश्रा का कहना है कि आप की शुरुआत आम आदमी से हुयी थी, लेकिन इसमें बेशर्म आदमी घुस आये हैं। करीब एक हफ्ते पहले आशुतोष के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल काफी सक्रिय दिखाई दिए थे। आशुतोष का इस्तीफा इस जन्म में स्वीकार न होने की बात करते हुए उन्होंने पार्टी से जुड़े रहने की अपील भी की थी। वहीं, दूसरे नेताओं ने आशुतोष को मनाने की भी कोशिश की थी। यहां तक कि वरिष्ठ नेता दिलीप पांडेय व गोपाल राय नोएडा स्थित आशुतोष के घर तक गए थे, लेकिन आशीष खेतान के इस्तीफे पर केजरीवाल समेत पूरी पार्टी शांत है। अरविंद केजरीवाल की आशीष खेतान के इस्तीफे पर खामोशी के बाद पार्टी के किसी दूसरे नेता ने भी कोई बयान नहीं दिया है। वहीं, कहीं से खेतान को मनाने की पहल भी नहीं हुयी है। अनौपचारिक तौर पर पार्टी आशीष खेतान के स्पष्टीकरण को ही आगे कर रही है। हालांकि, किसी बड़े नेता ने खेतान के ट्वीट को रि-ट्वीट तक नहीं किया है।
आशीष खेतान ने फेसबुक पर पार्टी से हटने के बारे में लंबी पोस्ट लिखी है। इसमें उन्होंने कहा है कि निजी वजहों से फिलहाल वह चुनावी व सक्रिय राजनीति से हट रहे हैं। उन्हें पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है। पार्टी में उन्हें पूरा प्यार व सम्मान मिला। सक्रिय राजनीति से हटने को लोक सभा सीट की दावेदारी से जोडना कोरी अफवाह है। उन्होंने लिखा है कि आगामी लोक सभा चुनाव लडने के बारे में पार्टी ने उनसे पूछा था, लेकिन निजी वजहों से मना कर दिया था। इसमें खेतान ने बताया है कि वह वकालत के पेशे से जुड़ रहे हैं।

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