नई दिल्ली, दिनांक 15-05-2018(सुधीर सलूजा): भारत के अंतर्राष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार ने कहा कि उनके गुरु सतपाल है। मैं आज जो भी हँ उनकी ही देन है। गुरुजी मेरे पिता समान है। मेरे पहलवानी के शुरूआती दौर और अच्छे बुरे दौर में उन्होंने मेरा साथ नहीं छोड़ा था। मुझे एक अच्छे गुरु और पिता की तरह से हिम्मत बांधते रहे थे। मैं उनका कर्ज कभी नहीं चुका पाउंगा। उन्होंने कहा कि गुरु सतपाल जैसे गुरु मिलना किस्मत की बात है। सुशील कुमार रोहिणी स्थित तितिक्षा पब्लिक स्कूल के एक समारोह में बोल रहे थे।
समारोह में अंतर्राष्ट्रीय पहलवान और पदमश्री गुरु सतपाल और भारत के अंतर्राष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार मुख्य अतिथि थे। इनके अलावा समारोह में अन्य खेल जगत से जुड़े अधिकारी और नेतागण समेत अन्य कई गणमान्य अधिकारी मौजूद थे।
सतपाल ने कहा कि सुशील 11 साल की उम्र में मेरे पास आया था और इसको सिखाने और डांटने की जरूरत नहीं पड़ी। ये एक लीडर के तौर पर हमेशा रहता था। उनका कहना है कि गुरु को अगर सुशील जैसे शिष्य मिले तो गुरु का भी नाम होता है। गुरु और शिष्य अगर एक दूसरे का सम्मान करे तो कामयाबी जरूर मिलती है।