अंबेडकर कॉलेज में सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन

Cultural festival organized in Ambedkar College

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नई दिल्ली,डीयू के डॉ भीमराव अम्बेडकर कॉलेज में 29वें दो दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव चेतना आरोहण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में गीत-संगीत, कव्वाली, लोक नृत्य, चित्रकला और काव्यपाठ जैसी कई सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा आयोजित की गई जिसमें कई कॉलेजों के विद्यार्थियों ने भागीदारी की। कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर गांधी भवन के निदेशक प्रो के पी सिंह और कॉलेज प्रबंध समिति की अध्यक्षा डॉ मंजू मुकुल कांबले अतिथि के रूप में उपस्थित रही। कार्यक्रम में आयोजित हुई प्रतिस्पर्धाओं में करीब पंद्रह से अधिक कालेजों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

कॉलेज प्राचार्य प्रो रबिंद्र नाथ दुबे ने कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कॉलेज चेयरमैन के सहयोग से कॉलेज नई ऊंचाइयों को प्राप्त करता जा रहा है। उन्होंने सांस्कृतिक समिति संयोजक डॉ सुनीता चाकी, डॉ नीलम गुप्ता,और सीमा सोढ़ी का कार्यक्रम को सफल और सार्थक बनाने के लिए आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो केपी सिंह ने मातृ शक्ति की मेहनत का उल्लेख करते हुए कहा कि एक महिला के शिक्षित होने से पूरी पीढ़ी शिक्षित होती है। उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक परिवेश में देश की छवि दिखाई देती है। के पी सिंह ने इस मौके पर स्वामी विवेकानंद को भी याद किया और बताया कि उन्होंने शिकागो सम्मेलन में भारतीय संस्कृति का परचम लहराया। उन्होंने कहा कि शिक्षा तभी सार्थक मानी जाती है जब वो चरित्रवान नागरिक पैदा कर सके। चरित्र के निर्माण में नई शिक्षा नीति अहम साबित होगी। इसमें शिक्षकों की मुख्य भागीदारी है।

कॉलेज प्रबन्ध समिति अध्यक्ष प्रो मंजू मुकुल ने कहा कि युवा की सोच और ऊर्जा इस कार्यक्रम में दिखाई देती है। सकारात्मक सोच ही व्यक्तित्व को ऊपर उठाती है। बाबा साहब अम्बेडकर ने कहा था कि विचार नया करने के लिए प्रेरित करता है।उन्होंने बताया कि कॉलेज कोई इमारत नहीं बल्कि एक विचार है। विद्या मुक्ति का मार्ग दिखाती है, सामाजिक न्याय की ओर ले जाती है एवं राष्ट्र का निमार्ण करती है। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि व्यक्ति में अंतर्निहित पूर्णता ही शिक्षा है। बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिए खुद पर यकीन करना जरूरी है। केवल योजनाएं बनाने से कार्य नहीं होगा, उनको कार्यरूप में परिणत भी किया जाना चाहिए।

सांस्कृतिक महोत्सव में कवितापाठ में अनन्या शुक्ला, मंडाला आर्ट में मो. मजहर अंसारी, कैनवास पेंटिंग में पुष्पा कुमार, वेस्टर्न सोलो डांस में बरखा, भारतीय सांस्कृतिक नृत्य में कशिश सुखिजा ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किए। कार्यक्रम के अंत में फैशन शो का आयोजन किया गया।

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