भारत और पाकिस्तान का विभाजन अप्राकृतिक,अखंड भारत होगा – राजीव तुली

सिंधु समाज ने शहीद हेमू कालाणी और संत कंवर राम को किया नमन

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नई दिल्ली, राजेंद्र नगर स्थित सिंधु समाज में शहीद हेमू कालाणी की जन्म शताब्दी और संत कंवर राम की 138 वीं जयंती मनाई गई । सिंधु समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आर एस एस की दिल्ली कार्यकारिणी के सदस्य राजीव तुली जी, पटेल नगर जिला प्रचारक चमन जी, राजेंद्र नगर विस्तारक योगेश जी, राजेंद्र नगर संघ चालक राकेश दुरेजा जी, राजेंद्र नगर कार्यवाहक मनमोहन जी, कमल,अजीत, नरेश बेलानी व धमीजा जी सहित कई स्वयंसेवकों ने हेमू कालाणी और संत कंवर राम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

शहीद हेमू कालाणी का जीवन परिचय :

हेमनदास कालाणी का जन्म 23 मार्च 1923 को हुआ और उनके 20 वें जन्मदिन से दो महीने पहले केवल 19 वर्ष की आयु में उन्हें फांसी दे दी गई।1942 में हेमू कालाणी महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हो गए। सिंध में आंदोलन के लिए समर्थन ऐसा था कि ब्रिटिश औपनिवेशिक अधिकारियों को उनके बाद यूरोपीय बटालियनों वाली सैन्य टुकड़ी भेजनी पड़ी। हेमू कालाणी को पता चला कि इन सैनिकों की एक ट्रेन और उनकी आपूर्ति 23 अक्टूबर को उनके स्थानीय शहर से गुजर रही होगी और रेलवे ट्रैक से फिशप्लेट हटाकर इसे पटरी से उतारने का फैसला किया। यह इस तथ्य के बावजूद है कि न तो उनके पास और न ही उनके सहयोगियों के पास आवश्यक उपकरण थे और इसलिए फिक्सिंग को ढीला करने के लिए एक रस्सी का उपयोग एक साधन के रूप में करना पड़ा।
तोड़फोड़ पूरी करने में सक्षम होने से पहले उन्हें अंग्रेजों ने देख लिया था। हेमू को उसके सह-षड्यंत्रकारियों के नाम प्रकट करने के प्रयास में भारतीय इंपीरियल पुलिस द्वारा पकड़ा गया, कैद किया गया और प्रताड़ित किया गया । उन्होंने किसी भी जानकारी का खुलासा करने से इनकार कर दिया, मुकदमा चलाया गया और मौत की सजा सुनाई गई। सिंध के लोगों ने वायसराय से दया की याचना की लेकिन इसे देने की शर्त यह थी कि अधिकारियों को उनके सह-षड्यंत्रकारियों की पहचान बताई जानी चाहिए। उन्होंने फिर से सूचना देने से इनकार कर दिया और उन्हें 21 जनवरी 1943 को फांसी दे दी गई।


राजीव तुली ने कार्यक्रम को किया संबोधित:
इस अवसर पर आर एस एस की दिल्ली कार्यकारिणी के सदस्य राजीव तुली ने कहा कि हेमू कालाणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक थे और इंदौर से ओ टी सी (ऑफिसर ट्रेनिंग कैंप) से ट्रेनिंग करके आए थे। उन्होंने कहा कि सिंधु समाज और संघ का बहुत पुराना रिश्ता है।

भारत और पाकिस्तान का विभाजन अप्राकृतिक,अखंड भारत होगा

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान का विभाजन अप्राकृतिक है और अखंड भारत बनेगा, कैसे बनेगा यह मुझे नहीं मालूम । उन्होंने कहा कि जैसे राम मंदिर बना, धारा 370 खत्म होगी यह विश्वास नहीं था कि हो पाएगा या नहीं हो पाएगा, परन्तु हुआ, ऐसे ही उन्होंने कहा कि अखंड भारत बनेगा, कैसे बनेगा यह मुझे नहीं मालूम। उन्होंने सिंधु घाटी की मोहनजोदड़ो सभ्यता का भी जिक्र किया । उन्होंने कहा कि तारिक फतेह जो पाकिस्तानी मूल के लेखक थे, उन्होंने अपनी विल में लिखा था कि मैं पूजा पद्धति से मुसलमान हूं परंतु संस्कार और संस्कृति से हिंदू हूं। मेरे मरणोपरांत मुझे कब्र में न दफनाया जाए, मेरा अंतिम संस्कार किया जाए ।


“अगले साल सिंध में”

तुली जी ने उपस्थित सभी लोगों से आग्रह किया कि साल में एक दिन मिलें और आप सब परिवार सहित एक दूसरे को अखंड भारत की जानकारी दें और “अगले साल सिंध में” की उद्घोषणा करें।उन्होंने कलाकारों से आग्रह किया कि वह भी अपने सभी कार्यक्रमों में यह संदेश दें ‘अगले साल सिंध में ‘ । अखंड भारत बनेगा लेकिन कैसे यह मुझे नहीं मालूम, आप लोग तैयार रहें।
कई राज्यों के स्कूली पाठ्यक्रम में शहीद हेमू कालाणी और भगत कंवर राम का जीवन परिचय भी जल्द शामिल किया जाएगा।

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