मानव समाज के कल्याण में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण : प्रो. राकेश सिन्हा

The role of teachers is important in the welfare of human society: Prof. Rakesh Sinha

0
73

नई दिल्ली, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन ‘सुशासन दिवस’ के उपलक्ष पर नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने शनिवार को हंसराज कॉलेज में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने उच्च शिक्षा में सुशासन विषय पर विचार रखे और भारतीय ज्ञान परंपरा के विकास में शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ज्ञान की साधन भौतिकता के प्रति प्रेम के साथ संभव नहीं है इसलिए शिक्षकों को ज्ञान की साधना के लिए प्रयासरत रहना होगा। आयोजन में स्वागत भाषण एनडीटीएफ व दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) अध्यक्ष प्रो. अजय भागी ने दिया और संगठन के द्वारा सुशासन के अनुपालन के लिए संगठन के प्रयासों का उल्लेख किया।

सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने आप में गणतंत्र रिपब्लिक होता है। और इससे बेहतर सुशासन का कोई प्रमाण नहीं है। यहाँ इसके लिए एक विस्तृत प्रक्रिया है जिसके माध्यम सुशासन सुनिश्चित किया जाता है। विश्वविद्यालय में गवर्नेस कम होना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फंड भले ही मंत्रालय से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और वहाँ से विश्वविद्यालय व कॉलेज पहुँचता है। इसके बाद विश्वविद्यालय व कॉलेज स्वायत्तता के साथ काम करता है। उन्होंने दामोदर शास्त्री और लॉर्ड कर्जन के एक प्रसँग का उल्लेख करते हुए भारतीय ज्ञान परंपरा का परिचय दिया। प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसी ज्ञान परम्परा को नई शिक्षा नीति में महत्व देते हुए शोध व अनुसंधान को सबसे अधिक महत्व दिया है। प्रो राकेश सिन्हा ने शिक्षकों की भूमिका का लेकर गुरुजी रविंद्र नाथ टैगोर, बाल गंगाधर तिलक, कवि त्रिवल्लूवर, काका कालेकर से जुड़े संस्मरणों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि शिक्षक विचारों का जनक होता है। शिक्षा पद्धति समाज के यथार्थ का प्रतिनिधित्व करती इसलिए शिक्षकों की भूमिका ज्ञान परंपरा के विकास में महत्वपूर्ण है। हमें इस ज्ञान परंपरा को पुनर्जीवित करना है ।शिक्षकों को ही सभ्यता निर्माण का कहानीकार बनाना होगा।

प्रो.अजय कुमार भागी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि एनडीटीएफ लगातार विश्वविद्यालय शिक्षकों के हितों की रक्षा के निरंतर प्रयासरत है। प्रो. भागी ने कहा विश्वविद्यालय की अकेडमिक और एजिक्युटिव परिषद के चुनाव आ रहे हैं और हम पिछले कई सालों से सुशासन दिवस पर ही अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते आ रहे है और इस बार भी ऐसा होगा। प्रो. अजय भागी ने कहा कि एनडीटीएफ मानवीय पक्षों को सदैव ध्यान रखता है और नियमों का पालन करते हुए भी विभिन्न प्रकार से मानवीय पक्षों की रक्षा का प्रयास करता है । हम इसके लिए लगातार प्रयास करते है। प्रो. भागी ने कहा कि अन्य संगठन जहाँ विरोध का रास्ता अपनाते हम इससे इतर समाधान के प्रयास करते इसके लिए विचार, विमर्श के साथ आगे बढ़ते है। इसी नीति के माध्यम से हमने विभिन्न सफलताएं शिक्षकों के लिए हासिल की है और आगे भी ऐसी ही सफलताएं पायेंगे। हमारा लक्ष्य है कि आखिरी व्यक्ति को उसका हक मिले और उसके लिए ही हम काम करते है।

प्रो. मनोज सिन्हा, प्राचार्य आर्यभट्ट कॉलेज ने सभागार में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं संगठन से लंबे समय से जुड़ा हूँ। मैंने भी इसके विस्तार में योगदान दिया है। इतिहास पर नजर डाले तो दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत नए कॉलेज खोलने का कार्य बड़े स्तर पर भारतीय जनता पार्टी ने ही किया था। हम ही वो लोग हैं जो अच्छी व्यवस्था चलाने में लगातार योगदान देते आ रहे हैं। शिक्षक को, शिक्षण के पेशे में सम्मान और आर्थिक स्थिरता लाने में एन डी टी एफ ने प्रयास किया। पांचवा पे कमीशन इस दिशा में निर्णायक रहा था जिसे एन डी टी एफ के लोग लेकर आये थे। जब भी यह संगठन पावर में रहा शिक्षकों की बड़ी समस्यों का समाधान सुनिश्चित किया। प्रो. मनोज सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि सुशासन व सफल प्रशासन के लिए जिम्मेदार बनना होगा, नेक नीयत के साथ काम करने की जरूरत है। हमे ऐसी शिक्षा व्यवस्था बनानी होगी जिसमें सबका साथ, सबका विकास हो। हम वासुदेव कुटुंबकम की भावना के साथ आगे बढ़ते है और इसके लिए प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन एनडीटीएफ के महासचिव प्रो. वी एस नेगी ने किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here